श्याम तेरा शुक्राना,
दोहा – तेरा तुझको सौंप दूँ,
क्या लागत है मोर,
मेरा मुझमे कछु नाही,
जो कुछ है सब तोर।
जब विपदा की बदरी थी छाई,
तूने मोरछड़ी अपनी लहराई,
हर मुसीबत से मुझको बचाया,
के श्याम तेरा शुकराना,
तूने रोते हुए को हंसाया,
के श्याम तेरा शुकराना।।
जबसे तूने सांवरिया पकड़ा ये हाथ है,
काँटों वाली राहों में फूलों की बरसात है,
तूने इतना किया है एहसान,
तेरे प्रेमियों में मिली पहचान,
मेरे सूखे चमन को खिलाया,
के श्याम तेरा शुकराना,
हर मुसीबत से मुझको बचाया,
के श्याम तेरा शुकराना,
तूने रोते हुए को हंसाया,
के श्याम तेरा शुकराना।।
मेरे संग तू है दुखों ने मुख मोड़ा,
मेरे हर भरम को तो तूने ही तोडा,
मेरी साँसों की सरगम में श्याम,
मेरे होंठों पे तेरा ही नाम,
तूने मुझको है अपना बनाया,
के श्याम तेरा शुकराना,
हर मुसीबत से मुझको बचाया,
के श्याम तेरा शुकराना,
तूने रोते हुए को हंसाया,
के श्याम तेरा शुकराना।।
तूफानों में अब ना डोले मेरी नैया,
पार तू लगाता है बनकर खिवैया,
ये ‘चोखानी’ तेरा ही गुलाम,
बाबा ‘गौतम’ की थामो लगाम,
तूने इतना जो प्यार बरसाया,
के श्याम तेरा शुकराना,
हर मुसीबत से मुझको बचाया,
के श्याम तेरा शुकराना,
तूने रोते हुए को हंसाया,
के श्याम तेरा शुकराना।।
जब विपदा की बदरी थी छाई,
तूने मोरछड़ी अपनी लहराई,
हर मुसीबत से मुझको बचाया,
के श्याम तेरा शुक्राना,
तूने रोते हुए को हंसाया,
के श्याम तेरा शुकराना।।
Singer – Gautam Rathor