श्याम के दर पे जबसे हम जाने लगे,
क्या से क्या हो गए देखते देखते।।
तर्ज – क्या से क्या हो गया देखते देखते।
जग ने रुलाया,
जग ने हराया,
हार के जग से दर तेरे आया,
दर पे मैं आया दिल से रिझाया,
सांवरिया ने गले से लगाया,
वो जो सोचा ना था मैंने जीवन में,
वो जो सोचा ना था मैंने जीवन में,
पा लिया तुमसे वो देखते देखते,
श्याम के दर पे जबसे हम जाने लगे,
क्या से क्या हो गए देखते देखते,
वो जो किस्मत में ना थी खुशिया कभी,
पाई है सारी वो देखते देखते।।
आया जब जब भी कोई संकट बड़ा,
पाया मैंने ना कोई अपना खड़ा,
टूट टूट के मैं जब गिरता गया,
श्याम दर पे तुम्हारे आके पड़ा,
सिर पे मेरे जो तूने हाथ रखा,
सिर पे मेरे जो तूने हाथ रखा,
खड़ा मैं हो गया देखते देखते,
है जो हाथ तेरा अब सर पे मेरे,
मुझको जीवन मिला देखते देखते,
श्याम के दर पे जबसे हम जाने लगे।।
तेरी कृपा से ही महका जीवन मेरा,
सांस सांस में लेती नाम तेरा,
कैसे बोले ‘गोपाल’ मिला कितना उसे,
भूल ना पायेगा एहसान तेरा,
आंसू आंखों में आये जमाना हुआ,
महका जीवन मेरा देखते देखते,
जब भी सांस मेरी श्याम हो आखरी,
जब भी सांस मेरी श्याम हो आखरी,
निकले सूरत तेरी देखते देखते,
श्याम के दर पे जबसे हम जाने लगे।।
वो जो सोचा ना था मैंने जीवन में,
पा लिया तुमसे वो देखते देखते,
श्याम के दर पे जबसे हम जाने लगे,
क्या से क्या हो गए देखते देखते,
वो जो किस्मत में ना थी खुशिया कभी,
पाई है सारी वो देखते देखते।।
स्वर – ट्विंकल शर्मा।
– लेखक एवं प्रेषक –
गोपाल जी गोयल (9811845745)