श्याम जी विपदा क्यों सताती है भजन लिरिक्स

श्याम जी विपदा क्यों सताती है,
मुश्किलों में जान जाती है,
श्याम जी विपदा क्यों सताती है।।

तर्ज – ज़िन्दगी इम्तेहान लेती है।



कोई ना जिनको वो किसको सुनाए,

हालात अपने वो किसको दिखाए,
हालात अपने वो किसको दिखाए,
हर ख़ुशी दर से लौट जाती है,
मुश्किलों में जान जाती है,
श्याम जी विपदा क्यों सताती है।।



हर अगले कदम पर है गम के मारे,

कोई ना उनका है बेसहारे,
कोई ना उनका है बेसहारे,
गरदशी उनको मुँह चिढ़ाती है,
मुश्किलों में जान जाती है,
श्याम जी विपदा क्यों सताती है।।



जिनको नहीं है तेरा सहारा,

किनारे पे बैठा डूबा बेचारा,
किनारे पे बैठा डूबा बेचारा,
ज़िन्दगी हार मान जाती है,
मुश्किलों में जान जाती है,
श्याम जी विपदा क्यों सताती है।।



जितनी बड़ी हो विपदा की घड़ियाँ,

आशा की बाबा टूटे ना कड़ियाँ,
आशा की बाबा टूटे ना कड़ियाँ,
ये आस ही बाजी हर जिताती है,
तुझसे ये श्याम मिलाती है,
श्याम जी विपदा क्यों सताती है।।



श्याम जी विपदा क्यों सताती है,

मुश्किलों में जान जाती है,
श्याम जी विपदा क्यों सताती है।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

  1. Shyam ji vipda kyu satati hai BAHUT HI SUNDER BHAJAN HAI MENE KHUD KARYKRM ME GAAYA HE AAPKO AUR RACHNAKAAR KO DIL SE DHANYVAAD

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