श्याम जी फागण आ रहया से,
तेरी गेल्या खेलां होली।
हरियाणा तै आरी से,
तेरे दर पे भक्तां की टोली,
श्याम जी फागण आ रहया सै,
तेरी गेल्या खेलां होली,
श्याम जी फागण आ रहया सै,
तेरी गेल्या खेलां होली।।
तर्ज – यार तेरा चेतक पै चालें।
लेके कोरडा बाबा जी,
या काले की बहू आरी सै,
तन्ने बक्शे कोना ताई भरथो,
रंग का तासला ठारी सै,
तन्ने बक्शे कोना ताई भरथो,
रंग का तासला ठारी सै,
और भी सुथरी लागेगी,
रंग लाया ते सूरत भोली,
और भी सुथरी लागेगी,
रंग लाया ते सूरत भोली,
श्याम जी फागण आ रहया सै,
तेरी गेल्या खेलां होली।।
ट्रैक्टर पाछे जोड़के टैंकर,
ताऊ रिसाला आरया सै,
गुलाल की भर रहया बुग्गी गोपी,
पूरा रंग जमा रहया सै,
गुलाल की भर रहया बुग्गी गोपी,
पूरा रंग जमा रहया सै,
लाडो काली भी आरी,
पिचकारी ते मारन गोली,
लाडो काली भी आरी,
पिचकारी ते मारन गोली,
श्याम जी फागण आ रहया सै,
तेरी गेल्या खेलां होली।।
तात्ते ते खेले बाबा,
या खेले ठंडे पाणी तै,
तु प्यारा भी घणा लागे सै,
तेरी या भी चिंता ठाणी सै,
तु प्यारा भी घणा लागे सै,
तेरी या भी चिंता ठाणी सै,
म्हारी धन दौलत तै भरता तु,
तेरी रंग तै भर दयान्गे झोली,
म्हारी धन दौलत तै भरता तु,
तेरी रंग तै भर दयान्गे झोली,
श्याम जी फागण आ रहया सै,
तेरी गेल्या खेलां होली।।
तेरे हरियाणा के चेले सा,
ना पाछे कदम हटावांगे,
तु होगा सहारा हारे का,
तन्ने हरा बनाके जावांगे,
तु होगा सहारा हारे का,
तन्ने हरा बनाके जावांगे,
हार लिया ‘बिंदर दनोड़ा’ ,
तेरी बाट कसूती सै होली,
कह ‘बिंदर दनोड़ा’ जल्दी आ,
तेरी बाट कसूती सै होली
श्याम जी फागण आ रहया सै,
तेरी गेल्या खेलां होली।।
हरियाणा तै आरी से,
तेरे दर पे भक्तां की टोली,
श्याम जी फागण आ रहया सै,
तेरी गेल्या खेलां होली,
श्याम जी फागण आ रहया से,
तेरी गेल्या खेलां होली।।
गायक – बिंदर दनोड़ा जी।
प्रेषक – भारत भूषण जी।