श्याम धणी आने में,
जो देर लगाओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे।।
लिखा तेरे मंदिर पे,
हारे का सहारा,
इसी नाम से है बाजे,
डंका तुम्हारा,
क्या अपने नाम पे बाबा,
तुम दाग लगाओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे।।
खिंच करके नैया तेरी,
चौखट पे लाया,
माझी बनाकर तुमको,
नाव में बिठाया,
तुम जिस नैया में बैठे,
क्या उसे डुबाओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे।।
नैया भवर में जिसकी,
तुम्हे ढूंढ़ता है,
तेरी गली का बाबा,
पता पूछता है,
क्या अपनी गली का रस्ता,
तुम बंद करवाओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे।।
ये ना समझना खाली,
हारे हुए है,
जिस दिन से हारे बाबा,
तुम्हारे हुए है,
अब मेरी लाज नहीं ये,
तुम खुद की गंवाओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे।।
श्याम धणी आने में,
जो देर लगाओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे,
इतना समझलो हारे हुए को,
और हराओगे।।
स्वर – श्री जयशंकर चौधरी।
Shyam Baba ke saare Bhjan Mast hote h
Jai shree shyam ji????