श्याम भरोसे हो जा प्यारे,
ये श्रृष्टि के पालन हारे,
श्याम भरोसे हो जा प्यारें।।
तर्ज – दो दिल टूटे।
चिंता करे क्यों बैठा,
जब है ये मालिक तीनो लोक का,
सांवरे के हाथों उलझन,
जीवन की सारी अपनी सौंप जा,
सुलझने लगेंगे खुद ही,
सुलझने लगेंगे खुद ही,
ये उलझन के धागे,
श्याम भरोसे हो जा प्यारें।।
मुश्किल तो आयेगी पर,
तुझको कभी ना छूने पाएगी,
ढाल खड़ा है बनके,
भेद इसे ना कभी पाएगी,
कवच कृपा का इनकी,
कवच कृपा का इनकी,
पहन ले प्यारे,
श्याम भरोसे हो जा प्यारें।।
जीवन ये बीता कितना,
और है कितना ही ये रह गया,
अब भी शरण आने को,
गर सोचता ही तू जो रह गया,
समय ना ‘कमल’ थमता पर,
समय ना ‘कमल’ थमता पर,
साँस थम जाए रे,
श्याम भरोसे हो जा प्यारें।।
श्याम भरोसे हो जा प्यारे,
ये श्रृष्टि के पालन हारे,
श्याम भरोसे हो जा प्यारें।।
Singer – Sanjay Mittal Ji