कर दो ना इक बार,
ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में,
श्याम बस तेरा सुमिरण हो,
कन्हैया तेरा सुमिरण हो।।
तर्ज – ना कजरे की धार।
दरबार में सांवरिया,
बन के बैठूं चाकरिया,
हो जाए किरपा तेरी,
गुजरे यूँ सारी उमरिया,
तेरा दर्शन तेरा वन्दन,
तेरा दर्शन तेरा वन्दन,
हो जीवन का एक सार,
कर दों ना एक बार,
ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में,
श्याम बस तेरा सुमिरण हो,
कन्हैया तेरा सुमिरण हो।।
हो साँझ सवेरे कीर्तन,
दीनो के नाथ तुम्हारा,
नहीं रहे खबर दुनिया की,
ऐसा हो प्रेम हमारा,
जैसी राधा नरसी मीरा,
जैसी राधा नरसी मीरा,
ने किया था तुमसे प्यार,
कर दों ना एक बार,
ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में,
श्याम बस तेरा सुमिरण हो,
कन्हैया तेरा सुमिरण हो।।
महसूस करूँ मैं मोहन,
एहसास तेरे होने का,
प्रिय प्राण से प्यारे प्रीतम,
नहीं डर जग के खोने का,
‘राजू’ तो बस इतना चाहे,
‘राजू’ तो बस इतना चाहे,
रहे संग सदा करतार,
कर दों ना एक बार,
ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में,
श्याम बस तेरा सुमिरण हो,
कन्हैया तेरा सुमिरण हो।।
कर दो ना इक बार,
ऐसी किरपा सरकार,
सब छोड़ के जीवन में,
श्याम बस तेरा सुमिरन हो,
कन्हैया तेरा सुमिरन हो।।
स्वर – निशा द्विवेदी जी।