श्याम बाबा से नजरे लड़ी,
मेरी किस्मत है जबसे बनी,
मैं तो बलिहारी हूँ आपका,
तूने बिगड़ी बना दी मेरी,
श्याम बाबा से नजरें लड़ी,
मेरी किस्मत है जबसे बनी।।
तर्ज – जिंदगी की ना टूटे।
मन की आँखों से देखूं तुम्हे,
इन आँखों से दिखता नहीं,
तुझको दिल में बसा लूँ प्रभु,
दिल में और कोई रहता नहीं,
मन के मंदिर में आ के प्रभु,
बैठ जा बाबा तू दो घड़ी,
श्याम बाबा से नजरें लड़ी,
मेरी किस्मत है जबसे बनी।।
बिन तेरे मैं कैसे जियूं,
मेरा जनम है तेरे लिए,
मेरे जीवन की हर सांस तू,
जीना मरना है तेरे लिए,
मेरे रहबर भी हर राह पे,
सिर पे लहराई मोरछड़ी,
श्याम बाबा से नजरें लड़ी,
मेरी किस्मत है जबसे बनी।।
कई जन्मों से प्यासा हूँ,
प्यासे नयन है दीदार के,
एक झलक दिखा दो प्रभु,
दास आ बैठा दरबार पे,
अब तो ‘चहल’ दीवाने की श्याम,
अर्जी चरणों में तेरे पड़ी,
श्याम बाबा से नजरें लड़ी,
मेरी किस्मत है जबसे बनी।।
श्याम बाबा से नजरे लड़ी,
मेरी किस्मत है जबसे बनी,
मैं तो बलिहारी हूँ आपका,
तूने बिगड़ी बना दी मेरी,
श्याम बाबा से नजरें लड़ी,
मेरी किस्मत है जबसे बनी।।
Singer – Deepak Ram & Tara devi