श्याम अगर जो तुम ना निभाते,
दर्द दिलो के सह नहीं पाते,
श्याम अगर जो तुम ना निभाते,
बाबा अगर जो तुम ना निभाते,
सच कहते है जी नही पाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते
बाबा अगर जो तुम ना निभाते।।
तर्ज – दर्द दिलों के कम हो जाते।
ख्वाहिश मेरी सब थी अधूरी,
जीवन में थी बस मजबूरी,
अपनो का सताना सितम ढहाना,
कैसे हम भूलें वो अफसाना,
गिर गिर के यूँ संभल ना पाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते,
सच कहते है जी नही पाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते
बाबा अगर जो तुम ना निभाते।।
दिल की बाते दिल में ही रहती,
छुप छुप करके आँखे बहती,
रोज रोज वो ही तिलतिल करके मरना,
तेरी ही कृपा से मैं हूँ ज़िंदा,
सपने भी सपने रह जाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते,
सच कहते है जी नही पाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते
बाबा अगर जो तुम ना निभाते।।
जब से तुम्हारी भक्ति मिली है,
पापो से ‘मोहित’ मुक्ति मिली है,
अब तो ये ही कहना शरण में रहना,
चाहे कुछ भी सोचे ये जमाना,
सारा जीवन रो रो बिताते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते,
सच कहते है जी नही पाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते
बाबा अगर जो तुम ना निभाते।।
दर्द दिलो के सह नहीं पाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते,
बाबा अगर जो तुम ना निभाते,
सच कहते है जी नही पाते,
श्याम अगर जों तुम ना निभाते
बाबा अगर जो तुम ना निभाते।।
Singer – Amit Kalra “Meetu”