श्रृंगार सिंदूरी छवि बाला की पूरी भजन लिरिक्स

श्रृंगार सिंदूरी,
छवि बाला की पूरी,
तुम्हे देखकर,
देखता रह गया,
जब दी मुझे तुमने,
दर्शन की मंजूरी,
झुका सर मेरा,
तो झुका रह गया।।

तर्ज – ये रेशमी जुल्फें।



मेरा सिरसा में आना,

सफल हो गया,
मेरी उलझन का पल भर में,
हल हो गया,
सिरसा के सरदार भी तुम,
सालासर की सरकार भी तुम,
जो माथा टिका तो,
टिका रहा गया,
तुम्हे देखकर,
देखता रह गया।।



ऐसा मुखड़ा नूरानी ना,

देखा कहीं,
हाथ में पहले ना थी ये,
रेखा कहीं,
जागे नसीब मेरे,
तुम हो बालाजी करीब मेरे,
तुम्हे मन मेरा,
पूजता रहा गया,
तुम्हे देखकर,
देखता रह गया।।



मैंने देखा तुम्हे तो,

मैं ना रही,
थी अहंकार जैसी जो,
शय ना रही,
ज्ञान दिया तुमने बाला,
भक्ति का पिलाया जब प्याला,
तो मैं हो के मगन,
झूमता रह गया,
Bhajan Diary Lyrics,
तुम्हे देखकर,
देखता रह गया।।



श्रृंगार सिंदूरी,

छवि बाला की पूरी,
तुम्हे देखकर,
देखता रह गया,
जब दी मुझे तुमने,
दर्शन की मंजूरी,
झुका सर मेरा,
तो झुका रह गया।।

Singer – Sandeep Bansal


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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