श्री राम से कह देना एक बात अकेले में भजन लिरिक्स

श्री राम से कह देना,
एक बात अकेले में,
रोता है भरत भैया,
दिन रात अकेले में,
श्रीं राम से कह देना,
एक बात अकेले में।।



वन वासी गए वन में,

फिर भी तो यही मन में,
रटता हूँ राम रटना,
रटता हूँ राम रटना,
दिन रात अकेले में,
श्रीं राम से कह देना,
एक बात अकेले में।।



रो रो के बिताये है,

कई साल अयोध्या में,
आँखों से बहे आंसू,
आँखों से बहे आंसू,
दिन रात अकेले में,
श्रीं राम से कह देना,
एक बात अकेले में,
रोता है भरत भैया,
दिन रात अकेले में।।



इस राज की ममता ने,

भाई से विछोभ किया,
ये भेद किया माँ ने,
ये भेद किया माँ ने,
और भाई सोतेले ने,
श्रीं राम से कह देना,
एक बात अकेले में,
रोता है भरत भैया,
दिन रात अकेले में।।



है लक्ष्मण बडभागी,

रहता प्रभु चरणों में,
मुझे मौत नहीं आती,
मुझे मौत नहीं आती,
दुनिया के अँधेरे में,
श्रीं राम से कह देना,
एक बात अकेले में,
रोता है भरत भैया,
दिन रात अकेले में।।



श्री राम से कह देना,

एक बात अकेले में,
रोता है भरत भैया,
दिन रात अकेले में,
श्रीं राम से कह देना,
एक बात अकेले में।।

स्वर – देवेन्द्र पाठक महाराज जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

5 COMMENTS

  1. शानदार भजन और आपकी आवाज़ भी जोरदार है

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