श्री राम दीवाना जा रहा था हवा के झोंके से भजन लिरिक्स

श्री राम दीवाना जा रहा था,
हवा के झोंके से।

चौपाई – निशिचर आयो जानके,
भरत चलायो बाण,
राम राम कही राम कही,
भूमि परे हनुमान।।



श्री राम दीवाना जा रहा था,

हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया,
हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।

तर्ज – लाल दुपट्टा उड़ गया।



श्री राम चंद्र और जानकी को,

अपने दिल में बसा लिया,
इतने भारी पर्वत को,
हाथों में उठा लिया,
श्री राम नाम का जाप किया,
हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया,
हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।



स्वामी मेरे रामचंद्र और,

माता मेरी जानकी,
अपने दिल में बसा रखी है,
मूरत सीताराम की,
पर्वत को उठा संधान किया,
हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया,
हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।



बूटी लेकर आ गये,

किरपा से श्री राम की,
जय जय सब करने लगे,
महावीर हनुमान की,
रघुकुल पे बड़ा एहसान किया,
हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया,
हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।



प्रेम भक्ति और भाव से,

जो भी इनका ध्यान धरे,
हो जाता कल्याण उनका,
रक्षा स्वयं हनुमान करे,
भगतो को अभय वरदान दिया,
हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया,
हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।



श्री राम दिवाना जा रहा था,

हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया,
हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।

गायक / प्रेषक – गणेश राजपुत।
माे. 9009204035


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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