श्रद्धा भक्ति के भावों से रीझ जाएंगे गुरूवर आएँगे

श्रद्धा भक्ति के भावों से रीझ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
गुरूवर आएँगे राजेन्द्र सूरी आएँगे,
भक्ति भावना से गुरूवर को हम बुलाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे।।

तर्ज – मेरी झोपड़ी के भाग।



माता केशर के नंदन जब आयेगे,

संग ख़ुशियाँ हजारो वो लायेंगे,
भाव भक्ति के हमारे और बढ़ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जायेंगे,
गुरूवर आएँगे।।



नगरी भरतपुर जन्म लिया था,

पारीक कुल का नाम किया था,
जय जय गुरुदेव बोलो जय गुरुदेव,
जय जय गुरुदेव बोलो जय गुरुदेव।



जब कुटिया में गुरूवर पधारेंगे,

जन्मो जनम के भाग्य सँवारेगे,
सुनी बगियाँ में फिर से फूल खिल जायेगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जायेंगे,
गुरूवर आएँगे।।



‘दिलबर’ प्रीत जो गुरु से लगायेंगे,

गुरु कृपा से ही प्रभुवर को पाएंगे,
किशन भक्तो को गले से लगाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जायेंगे,
गुरूवर आएँगे।।



श्रद्धा भक्ति के भावों से रीझ जाएंगे,

गुरूवर आएँगे,
गुरूवर आएँगे राजेन्द्र सूरी आएँगे,
भक्ति भावना से गुरूवर को हम बुलाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे।।

गायक – किशन गोयल बालोतरा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365


Previous articleमैं तो चूरू में जाई आई रे दर्शन बाबोसा का कर आई रे
Next articleलहराया श्री राम का भगवा सारे हिंदुस्तान में
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here