शिव शंकर चले कैलाश नगाड़े बजने लगे भजन लिरिक्स

शिव शंकर चले कैलाश,
नगाड़े बजने लगे,
बजने लगे हां बजने लगे,
बजने लगे बजने लगे,
भक्तो गूंज रहा आकाश,
नगाड़े बजने लगे,
शिव शंकर चलें कैलाश,
नगाड़े बजने लगे।।



नंदी बैल की करके सवारी,

देखो चले बाबा त्रिपुरारी,
संग चली है गौरा मात,
नगाड़े बजने लगे,
शिव शंकर चलें कैलाश,
नगाड़े बजने लगे।।



फूल बरसाए देवता सारे,

मुनिजन सब महादेव पुकारे,
उनकी लीला का हुआ प्रकाश,
नगाड़े बजने लगे,
शिव शंकर चलें कैलाश,
नगाड़े बजने लगे।।



डमरू नाद और शंख गूंजा रे,

मृत्युलोक में शम्भू पधारे,
सब भक्त लगाए आस,
नगाड़े बजने लगे,
शिव शंकर चलें कैलाश,
नगाड़े बजने लगे।।



कहे ‘धीरान’ है शिव अविनाशी,

अँखियाँ है दर्शन की प्यासी,
मैं तो तेरे चरण का दास,
एक तुम अपने लगे,
शिव शंकर चलें कैलाश,
नगाड़े बजने लगे।।



शिव शंकर चले कैलाश,

नगाड़े बजने लगे,
बजने लगे हां बजने लगे,
बजने लगे बजने लगे,
भक्तो गूंज रहा आकाश,
नगाड़े बजने लगे,
शिव शंकर चलें कैलाश,
नगाड़े बजने लगे।।

स्वर – अंजलि जैन।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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