शीश के दानी महाबलवानी,
खाटू वाले श्याम,
तेरा जयकारा है,
जयकारा है जयकारा,
श्याम धणी का जयकारा,
शिश के दानी महाबलवानी,
खाटू वाले श्याम,
तेरा जयकारा है।।
तर्ज – गाडी वाले मुझे बिठाले।
त्रेता युग में राम बना,
द्वापर में घनश्याम बना,
अपने भक्तो की खातिर,
आज तू बाबा श्याम बना,
कोई नहीं है इस कलियुग में,
तुमसा देव महान,
तेरा जयकारा है,
शिश के दानी महाबलवानी,
खाटू वाले श्याम,
तेरा जयकारा है।।
नाम की महिमा भारी है,
नीले की असवारी है,
इसमें कोई शक ही नहीं,
तू कलियुग अवतारी है,
खाटू जैसा गाँव भी बाबा,
बन गया तीरथ धाम,
तुमसा देव महान,
तेरा जयकारा है,
शिश के दानी महाबलवानी,
खाटू वाले श्याम,
तेरा जयकारा है।।
घर घर पूजा होती है,
घर घर कीर्तन होते है,
अहोभाग्य हम दिनों के,
तेरे दर्शन होते है,
‘बनवारी’ मिल जाये हमको,
चरणों में स्थान,
तुमसा देव महान,
तेरा जयकारा है,
शिश के दानी महाबलवानी,
खाटू वाले श्याम,
तेरा जयकारा है।।
शीश के दानी महाबलवानी,
खाटू वाले श्याम,
तेरा जयकारा है,
जयकारा है जयकारा,
श्याम धणी का जयकारा,
शिश के दानी महाबलवानी,
खाटू वाले श्याम,
तेरा जयकारा है।।
स्वर – श्री संजय पारीक।
Bahut acha