शेरोवाली अम्बे भवानी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी,
जय जय माँ,
जय जय जय जय जयहो माँ।।
तर्ज – दीदी तेरा देवर।
तेरी आरती चाँद सूरज उतारे,
पवन आपका रोज अंगना बुहारे,
तू अन्नपूर्णा है महाशिव की शक्ति,
सदा ब्रह्मा विष्णु करे तेरी भक्ति,
तू ही लक्ष्मी तू ही वीणापाणि,
तू ही लक्ष्मी तू ही वीणापाणि,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी,
शेरोवाली अंबे भवानी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी।।
गले में सुहाए है मोती की माला,
चमकता है कानो में कुंडल विशाला,
और नौ लाख चुनरी में तारे सजाये,
है चारो दिशा तेज से जगमगाये,
बड़े बड़े ऋषि मुनि ज्ञानी,
बड़े बड़े ऋषि मुनि ज्ञानी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी,
शेरोवाली अंबे भवानी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी।।
सदा कष्ट भक्तों के हरती हो मैया,
निपूती की तुम गोद भरती हो मैया,
कोई द्वार से तेरे खाली ना जाये,
जो मांगे वही दान माँ तुमसे पाये,
कोई नहीं तुम सा है दानी,
कोई नहीं तुम सा है दानी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी,
शेरोवाली अंबे भवानी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी।।
शेरोवाली अम्बे भवानी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी,
तेरे नाम को जपते सारे प्राणी,
जय जय माँ,
जय जय जय जय जयहो माँ।।
स्वर – श्री लखबीर सिंह जी लख्खा।