खबर नहीं है पल की,
बात करे तू कल की,
गफलत में सोया है,
शरण में आ गुरुजन की,
खबर नहीं है पल की,
बात करे तू कल की।।
तर्ज – तुम दिल की धड़कन।
सबकी यही कहानी है,
आया है सो जाएगा,
यतन भले कितना करले,
खाली हाथ ही जायेगा,
संग चलेगी तेरे,
गठरी तेरे कर्मन की,
गफलत में सोया है,
शरण मे आ गुरुजन की,
खबर नहीं है पल की,
बात करे तू कल की।।
कपट क्रूर इस दुनिया ने,
तुझको बहुत लुभाया है,
होश में आजा रे मनवा,
ये तो सिर्फ छलावा है,
सुख मिलता इक क्षण का,
बेचैनी हर पल की,
गफलत में सोया है,
शरण मे आ गुरुजन की,
खबर नहीं है पल की,
बात करे तू कल की।।
बहुत गंवाए दिन तूने,
गल गल के इस गफलत में,
सारा वक्त गुजार दिया,
तूने तो इस नफरत में,
सच्ची डगर दिख जाएगी,
शरण मे आ गुरुजन की,
गफलत में सोया है,
शरण मे आ गुरुजन की,
खबर नहीं है पल की,
बात करे तू कल की।।
खबर नहीं है पल की,
बात करे तू कल की,
गफलत में सोया है,
शरण में आ गुरुजन की,
खबर नहीं है पल की,
बात करे तू कल की।।
स्वर / रचना / प्रेषक – मुकेश कुमार जी।
9660159589