शांतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो,
शाँतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।।
आप राठौड़ कुल में हुआ तपधारी,
हुआ तपधारी,
बालपना सु भक्ति हिया माई धारी,
हिया माई धारी,
गुरू सु पायो ज्ञान,
आपरा सतगुरु केसर नाथ,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।
शाँतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।।
नाथा री गादी माथे आप बिराजो,
आप बिराजो,
दीन दुखी रा सारा कारज सारो,
कारज सारो,
महिमा है अपरम्पार,
आपने पूजे नर ओर नार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।
शाँतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।।
नाथ जलंधर जी रा मिन्दर बनाया,
मिन्दर बनाया,
कई गाँवा मे ज्यारा पगल्या थपाया,
पगल्या थपाया,
किया घणा उपकार,
आपरी होवे जय जयकार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।
शाँतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।।
दास अशोक सतगुरु अरजी सुनावे,
अरजी सुनावे,
चरना मे थारे दाता शिश नमावे,
शिश नमावे,
नाव पडी मजधार आपरे,
हाथ म्हारी पथवार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।
शाँतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।।
शांतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो,
शाँतिनाथ जी सतगुरु थाने,
विनती बारम्बार,
हाथ सिर धर दीजो,
पार भव कर दीजो।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818