शक्ति व शिव जी,
है वो निराकारी।
दोहा – शक्ति व शिवजी,
है वो निराकार,
आकार बणाई कुम्हार ने,
किरपा करी करतार।
शक्ति व शिव जी,
है वो निराकारी,
पिण्ड़ बणाई कुम्हार,
सुदर्शन चकरी पे।।
पाणी रे गारो लाद रे बानी,
और चढायो वांपे रंग,
सुदर्शन चकरी पे।।
मांड़ियां वो मांड़णा मात श्रीयादे,
सिद्धो जी चढावे सिणगार,
सुदर्शन चकरी पे।।
आवड़े पकाई अखण्ड कराई,
अमर वेगी सदा पिण्ड़,
सुदर्शन चकरी पे।।
महिमा महेश्वर अपरमपारी,
सिमरे ‘रतनलाल’,
सुदर्शन चकरी पे।।
शक्ति व शिवजी,
है वो निराकारी,
पिण्ड़ बणाई कुम्हार,
सुदर्शन चकरी पे।।
गायक – पं.रतनलाल प्रजापति।
निर्देशक – किशनलाल जी प्रजापत।
मो.- 7627022556