शान दरबार की अनोखी है भजन लिरिक्स

ऐ श्याम तेरे दर का,
सारे जहाँ में चर्चा,
हारों को निभाता है,
सीने से लगाता है,
शान दरबार की अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है।।

तर्ज – अभी जिन्दा हूँ तो।



हारकर आ गया शरण तेरी,

तुमने अपनाने में ना की देरी,
सर पे जो मोरछड़ी लहराई,
मन की मुरझाई कली मुस्काई,
जिसने विश्वास किया है तुम पर,
जिसने विश्वास किया है तुम पर,
लाज उसकी कभी ना खोती है,
शान दरबार की अनोखी हैं,
पूरी मन मुराद होती है।।



वक्त पे जब ना कोई काम आए,

साथी बनकर के मेरा श्याम आए,
प्रीत साची निभाने वाला है,
देव कलयुग का ये निराला है,
उसकी तकदीर का तो क्या कहना,
उसकी तकदीर का तो क्या कहना,
जिसके दिल में जली ये ज्योति है,
शान दरबार की अनोखी हैं,
पूरी मन मुराद होती है।।



मुझपे उपकार अनेको इसके,

जन्मों जन्मों ना उतरेंगे कर्जे,
मुझे बरसों से ये ही पाल रहा,
मेरा घर बार ये संभाल रहा,
देख ‘मनमौजी’ इसकी दिलदारी,
देख ‘मनमौजी’ इसकी दिलदारी,
मेरे आखों से बहे मोती है,
शान दरबार की अनोखी हैं,
पूरी मन मुराद होती है।।



ऐ श्याम तेरे दर का,

सारे जहाँ में चर्चा,
हारों को निभाता है,
सीने से लगाता है,
शान दरबार की अनोखी है,
पूरी मन मुराद होती है।।

Singer – Mukesh Ji Bagda


Previous articleहनुमत जय बजरंगबली भजन लिरिक्स
Next articleतेरे हाथों की कठपुतली हूँ तेरे हाथों का मैं झुनझुना लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here