सेठ रे सांवरिया की लीला निराली भजन

सेठ रे सांवरिया की,
लीला निराली,

भक्तां के घर चल जाई,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



मात यशोदा लेकर लकड़ी,

काना ने पिटण आई,
नतका ओलबा थुं गणा लावे,
आज छोड़ुलां थने नाही,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



गोकुल गलियां-गलियां माहीं,

काना ने धुम में मचाई,
खुली रे पोल में जाकर घुसग्यो,
जहां कुम्भ घड़े घड़तारी,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



केवे रे सांवरों सुण रे प्रजापत,

मारण मैया मने आरी,
मने रे छुपादे थारा रे घड़ा में,
भुंलु नहीं गुण जस थारी,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



पीछा करती आई यशोदा,

सांवरा ने देखियो कई भाई,
केवे प्रजापत नहीं वो माता,
प्रेमा भगती छाई,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



केवे रे सांवरों सुण रे प्रजापत,

माता गई के नाही,
चली गई मां तो निकाल मने थुं,
इतनी देर कां लगाई,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



ऐसे रे कैसे कैया निकालु,

थारी वो मार बचाई,
मै जो मांगु थुं मने देदे,
देदे वचन थुं साईं,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



लख रे चौरासी सुं मने ऊबारो,

औरी वंश हमारी,
गार उठाते बैलियां ने तारो,
कथा सुणे जो हमारी,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



बोल दियो है सेठ सांवरो,

मटकी सुं बाहर कराई,
सुरदास की श्रीमुख वाणी,
‘रतन’ भजन में गाई,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।



सेठ रे सांवरिया की,

लीला निराली,
भक्तां के घर चल जाई,
कानुडा थारी,
अजब लीला है न्यारी।।

गायक व रचना – पंडित रतनलाल प्रजापति।
सहयोगी – श्री प्रजापति मण्डल चौगांवडी़।


Previous articleप्रेमी बनकर आओ मुलाकात करेगा भजन लिरिक्स
Next articleश्रीयादे का खेल निराला भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here