सांवरा थारो ही थारो,
कन्हैया थारो ही थारो,
चोखो बुरो कुटिल और कामी,
जो कुछ हूं थारो।।
बिगड़ियो हूँ तो थारो बिगड़ियो,
थे ही माने सुधारों,
सुधरयो तो प्रभु थांसू सुधरयो,
थांसू कदि नी न्यारो,
साँवरा थारो ही थारो,
कन्हैया थारो ही थारो,
चोखो बुरो कुटिल और कामी,
जो कुछ हूं थारो।।
बुरो बुरो मैं गणो बुरो हूं,
आखिर टाबर थारो,
बुरो कहा कर मैं रह जास्यु,
नाम बिगड़सी थारो,
साँवरा थारो ही थारो,
कन्हैया थारो ही थारो,
चोखो बुरो कुटिल और कामी,
जो कुछ हूं थारो।।
थारो हूँ मैं थारो बाजू,
रेस्यू थारो थारो,
अंगुलिया था कि कदी नहीं छोडुं,
या तो श्याम विचारों,
साँवरा थारो ही थारो,
कन्हैया थारो ही थारो,
चोखो बुरो कुटिल और कामी,
जो कुछ हूं थारो।।
मारी बात जाए तो जाऊं,
सोच नहीं है मारो,
मारे सोच बडौं यो लागो,
नाम लाजसी थारो,
साँवरा थारो ही थारो,
कन्हैया थारो ही थारो,
चोखो बुरो कुटिल और कामी,
जो कुछ हूं थारो।।
जचे जिन तरह माने राखो,
मारो चाहे तारो,
जांग ऊगाड़ियां लाज मरोला,
ऊडीं बात विचारो,
साँवरा थारो ही थारो,
कन्हैया थारो ही थारो,
चोखो बुरो कुटिल और कामी,
जो कुछ हूं थारो।।
सांवरा थारो ही थारो,
कन्हैया थारो ही थारो,
चोखो बुरो कुटिल और कामी,
जो कुछ हूं थारो।।
गायक – मुकेश महादेवा।
9079116363