सांवरिया सरकार के होते क्यों फिकर तू करता है भजन लिरिक्स

सांवरिया सरकार के होते,
क्यों फिकर तू करता है,
जग का रक्षक साथ में तेरे,
फिर भी तू क्यों डरता है,
साँवरिया सरकार के होते,
क्यों फिकर तू करता है।।

तर्ज – कस्मे वादे प्यार वफ़ा।



जिन रिश्तो की देता दुहाई,

वो तो नहीं किसी काम के,
उनको तो ना मतलब तुझसे,
भूखे है बस दाम के,
ऐसे नातो के चक्कर में,
क्यों तू तिल तिल मरता है,
साँवरिया सरकार के होते,
क्यों फिकर तू करता है।।



किन्तु परन्तु अगर जो मन में,

उसको मिटाना जरुरी हैं,
झूठी काया और माया का,
सच भी समझना जरुरी है,
जीवन के इस सच को समझ ले,
नादानी क्यों करता है,
साँवरिया सरकार के होते,
क्यों फिकर तू करता है।।



दीनानाथ कहाते है ये,

देव बड़े ही दयालु है,
भक्तों के बिन रह नहीं पाते,
ये तो बड़े ही कृपालु है,
जग के पालनहार से ‘मोहित’,
प्रेम तू क्यों ना करता है,
साँवरिया सरकार के होते,
क्यों फिकर तू करता है।।



सांवरिया सरकार के होते,

क्यों फिकर तू करता है,
जग का रक्षक साथ में तेरे,
फिर भी तू क्यों डरता है,
साँवरिया सरकार के होते,
क्यों फिकर तू करता है।।

स्वर – राहुल सांवरा।


Previous articleजब जमाने ने ठुकरा दिया राधा रानी ने अपना लिया
Next articleम्हारा खाटू वाला श्याम ओ म्हारा लीले वाला श्याम लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here