साँवरिया मने चाकर रख लो अपने द्वार का भजन लिरिक्स

साँवरिया मने चाकर रख लो,
अपने द्वार का,
हुकुम बजाऊँ मैं सरकार का,
साँवरिया मन्ने चाकर रख लो,
अपने द्वार का।।



गंगा जल स्नान कराऊ,

केसर चंदन तिलक लगाऊ,
बागा पहनाऊ रेशमदार का,
साँवरिया मन्ने चाकर रख लो,
अपने द्वार का।।



बाग बाग से कलिया लाऊ,

नित नित बाबा तुझे सजाऊ,
माला पहनाऊ मोतीनहार का,
साँवरिया मन्ने चाकर रख लो,
अपने द्वार का।।



खीर चुरमो भोग लगाऊ,

प्रेम भाव से तुम्हें जिमाऊ,
चंवर ढुराऊ मैं सरकार का,
साँवरिया मन्ने चाकर रख लो,
अपने द्वार का।।



अपना चाकर जान के बाबा,

मुझको अपना मान के बाबा,
मोती बनालें अपने हार का,
साँवरिया मन्ने चाकर रख लो,
अपने द्वार का।।



साँवरिया मने चाकर रख लो,

अपने द्वार का,
हुकुम बजाऊँ मैं सरकार का,
साँवरिया मन्ने चाकर रख लो,
अपने द्वार का।।

गायक / प्रेषक – गणेश राजपूत।
संपर्क – 9009204035


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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