कांईं थांरा करां म्हे तो कोड,
ओ बाबा म्हारै,
गोज्यां में नांय जोर,
हुं सांची बोलूं,
सुणज्यो थे देकर गोर,
सांवरिया म्हे तो,
टाबर हां कमजोर।।
तर्ज – खेलण द्यो गिणगोर।
सुणो म्हारो हेलो जी,
काढो कोई गैलो जी,
म्हारा सांवरा,
ओ म्हारा सांवरा,
दुनिया सूं करां कांईं होड,
ओ बाबा बडो मुस्किल,
है यो दोर,
हुं सांची बोलूं कोई तो,
बतावो म्हानै तोड़,
साँवरिया म्हे तो,
टाबर हां कमजोर।।
कोडी न धरोड़ है,
लाख न करोड़ है,
म्हारा सांवरा,
ओ म्हारा सांवरा,
खरी खोटी बातां मतना बोल,
भावां री तूं तो,
गांठड़िया न खोल,
हुं सांची बोलूं,
प्रेम बडो अनमोल,
लाडेसर तू तो,
टाबर न कमजोर।।
कांईं थांरा करां म्हे तो कोड,
ओ बाबा म्हारै,
गोज्यां में नांय जोर,
हुं सांची बोलूं,
सुणज्यो थे देकर गोर,
सांवरिया म्हे तो,
टाबर हां कमजोर।।
स्वर – शुभम रूपम।
प्रेषक – विवेक अग्रवाळ।
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