कभी अपने भक्त के घर पर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना,
कभी अपने भक्त के घर पर भी,
साँवरिया दरश दिखा जाना।।
तर्ज – बाबुल की दुआएं।
जीवन बगियाँ को सजाते हो,
फूलों सा तुम महकाते हो,
मेरे कोमल मन को चुराते हों,
फिर दूरी कैसी बनाते हों,
सुख दुख तेरी ही देन यहाँ,
मेरे मन के विकार मिटा जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना।।
पलके ये बिछाई राहों में,
तेरी झांकी सजाई हाथों से,
सोचा करता मैं ख्वाबों में,
आके बस जाओ सांसो में,
धड़कन से निकले नाम तेरा,
मुझको भी अपना बना जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना।।
अंसुवन की धारा को बहने दो,
तेरे दिल को जरा पिघलने दो,
किस्मत को बनाने वाले हो,
किस्मत को आज संवरने दो,
‘राकेश’ चरणों का दास तेरा,
हर जन्म में साथ निभा जाना,
‘प्रतिक’ चरणों का दास तेरा,
हर जन्म में साथ निभा जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना।।
कभी अपने भक्त के घर पर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना,
कभी अपने भक्त के घर पर भी,
साँवरिया दरश दिखा जाना।।
Singer – Prateek Mishra