सांवरिया आ जाओ,
की दर्श दिखा जाओ।
ओ खाटू का सेठ सांवरा,
विनय हमारी सुणियो,
लीले चढ़कर आजा बाबा,
लज्जा सबकी रखियो,
दर दर ठोकर खाऊँ कब तक,
आकर धीर बंधाओ,
द्वार खड़ा थांके अर्ज गुजारा,
म्हाने ना तरसाओ,
साँवरिया आ जाओ,
की दर्श दिखा जाओ।।
तर्ज – उड़ जा काले कावां।
पांडव कुल अवतारी थाकी,
महिमा अजब निराली,
देकर दान शीश को बन गया,
बाबा शीश का दानी,
हारडोड्या रा साथी सांवरा,
आज हमारी बारी,
मत ना देर करो सांवरिया,
विपदा पड़ी है भारी,
साँवरिया आ जाओ,
की दर्श दिखा जाओ।।
दुनिया बावलियों बतलावे,
ताना रोज सुनावे,
वाने काई बताऊं म्हाने,
श्याम ही आडो आवे,
ना कोई संगी ना कोई साथी,
ओ म्हारा कृष्ण कन्हाई,
एक भरोसो थाको सांवरा,
आके करो सहाई,
साँवरिया आ जाओ,
की दर्श दिखा जाओ।।
जाकी जितनी चोंच सांवरा,
सबने वा मिल जावे,
किडी से लेकर हाथी को,
तू परिवार चलावे,
‘रिंकू’ की या अर्जी सांवरा,
बन जाओ खिवैया,
बीच भवर में अटकयोड़ा की,
पार लगाओ नैया,
साँवरिया आ जाओ,
की दर्श दिखा जाओ।।
ओ खाटू का सेठ सांवरा,
विनय हमारी सुणियो,
लीले चढ़कर आजा बाबा,
लज्जा सबकी रखियो,
दर दर ठोकर खाऊँ कब तक,
आकर धीर बंधाओ,
द्वार खड़ा थांके अर्ज गुजारा,
म्हाने ना तरसाओ,
सांवरिया आ जाओ,
की दर्श दिखा जाओ।।
गायक – गौतम शर्मा।
लेखक / प्रेषक – राहुल जोशी रिंकू।
9982747494