सतगुरु सुणज्यो हेलो मारो गुरु वंदना लिरिक्स

सतगुरु सुणज्यो हेलो मारो,
बार बार मैं करूं सा विनती,
चाकर हूँ चरणा रो।।



काम क्रोध मद लोभ मोह को,

पहले दूर निवारो,
दया करो दुर्बल पर दाता,
मैं हूँ बालक थारो।।



निश्चय होकर शरणो लिदो,

मारो चाहे तारो,
ओरा को जोर उठे नही चाले,
एक आपको सहारो।।



भांत भांत का हो गया भेला,

करता नही सुधारो,
आप आप के मार्ग जासी,
मुझको आप उबारो।।



पूर्ण ब्रम्ह आप अविनाशी,

भेद बताओ सारो,
भव सागर में डूबत नैया,
दिखत नही किनारों।।



चतुर स्वामी अंतर्यामी,

कृपा दृष्टि निवारो,
ओमप्रकाश शरण सतगुरु की,
पेली पार उतारो।।



सतगुरु सुणज्यो हेलो मारो,

बार बार मैं करूं सा विनती,
चाकर हूँ चरणा रो।।

गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 89479-15979


Previous articleजय सतगुरु देवा स्वामी जय सतगुरु देवा लिरिक्स
Next articleसंता राम भजो डर कांको देसी चेतावनी भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here