सतगुरु जी आया मारे पावणा,
जाने बार बार बलिहारी रे हां,
दर्शन दुर्लभ हो दाता आप रा,
मा पर कृपा किनी भारी हो जी।।
जाजम बीचवावु दाता चोक में,
थारे चंदन थाल सजावु रे हा,
सतगुरु जी आया मारे पावना।।
फूल मंगवावु हरिया बाग सु,
ज्यारा सुंदर हार बनावा रे हा,
सतगुरु जी आया मारे पावना।।
आंगन बीचवावु अन्तर केवड़ो,
दाता केसर तिलक लगावा रे हा,
सतगुरु जी आया मारे पावना।।
महिमा तो भारी सतगुरु आपकी,
अरजी दास अशोक सुनावे रे हा,
सतगुरु जी आया मारे पावना।।
सतगुरु जी आया मारे पावणा,
जाने बार बार बलिहारी रे हां,
दर्शन दुर्लभ हो दाता आप रा,
मा पर कृपा किनी भारी हो जी।।
गायक – नरेश जी प्रजापत।