सतगुरू देते नहीं दिखाई कुणसी कुठ चले गए हो

सतगुरू देते नहीं दिखाई,
कुणसी कुठ चले गए हो।।



गद्दी तेरी दिखती सुन्नी,

छोड चलै गए माणस जुनी,
इब त होती नहीं समाई,
कुणसी कुठ चलै गए हो,
सतगुरू देते नही दिखाई,
कुणसी कुठ चले गए हो।।



चैल्यां ने दुख भारी हो गया,

गुरुजी प्यार तेरा मन मोह गया,
आत्मा न्युं दुख पाई हो,
कुणसी कुठ चलै गए हो,
सतगुरू देते नही दिखाई,
कुणसी कुठ चले गए हो।।



चौबीस घंटे रुप निहारुं,

हर पल नाम तेरा मैं पुकारूं,
मंदिर जोत जगाई हो,
कुणसी कुठ चलै गए हो,
सतगुरू देते नही दिखाई,
कुणसी कुठ चले गए हो।।



राजपाल प हाथ धरया था,

हर पल नियम मन्नै करया था,
कौशिक ने याद दिवाई हो,
कुणसी कुठ चलै गए हो,
सतगुरू देते नही दिखाई,
कुणसी कुठ चले गए हो।।



सतगुरू देते नहीं दिखाई,

कुणसी कुठ चले गए हो।।

गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )


Previous articleतेरे पहरे बिन बालाजी महारः भुत बड़ें जा से
Next articleआहे जब लेऊँ राम का नाम गुरूजी मेरः याद घणे आवं
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here