सतगुरु आया बिणजारा रे मनवा,
दोहा: सतगुरु आवत देखीया,
जारे लारे लाल बंदूक,
गोली दागी हरी नाम री,
भाग गया यमदूत।
सतगुरु आया बिणजारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे,
अरे आयोडो अवसर चुको मती बंदा,
मिले न दुजी बारा रे,
सतगुरु आया बिणजारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे।।
अरे ग्यान गुणा री बालद लाया,
हिरा लाया अपारा जी,
अरे मेंगी चीज अमोलक लाया,
ऐसा है दातारा रे,
सतगुरु आया बिन्जारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे।।
अरे प्रेम ग्यान री हाट खोल दी,
लाया मोती जवारा रे,
अरे गुरू मुखी वेतो सोदो करले,
भटका फिरे रे गिवारा रे,
सतगुरु आया बिन्जारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे।।
जहा घर सत री संगत नहीं होवे,
वो घर काल समाना रे,
आठो पोर रेवे उदासी,
जावे नरक रे द्वारा रे,
सतगुरु आया बिन्जारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे।।
जहा घर सत री संगत नित होती,
संत करे उपकारा रे,
आठो पोर वेतो सोलवा गावे,
जावे स्वर्ग रे द्वारा रे,
सतगुरु आया बिन्जारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे।।
सायब कबीर मिलिया ओ गुरु पुरा,
बिनज किया हद भारा रे,
धरमी दास दासन के दासा,
बिनज रे बिनज हारा रे,
सतगुरु आया बिन्जारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे।।
सतगुरु आया बिंजारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे,
अरे आयोडो अवसर चुको मती बंदा,
मिले न दुजी बारा रे,
सतगुरु आया बिंजारा रे मनवा,
सतगुरु आया बिन्जारा रे।।
स्वर – मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818