सासु जी से हंस के बोली,
एक दिन घर में बहुरानी,
कृष्ण नाम का सुमिरन करलो,
दो दिन की है जिंदगानी।।
तेरी मेरी करते करते,
सारी उमरिया बीत गई,
आया बुढापा अब सासु जी,
सारी लुटिया डूब गई,
कथा भागवत सुना करो जी,
इसमें है अमृत वाणी,
हरि नाम का सुमिरन कर लो,
दो दिन की है जिंदगानी।।
रोज सबेरे जल्दी उठकर,
नाम प्रभु का लिया करो,
ठाकुर जी की सेवा करके,
चरणामृत फिर पिया करो,
पल भर का है नही ठिकाना,
अब तो छोड़ो मनमानी,
राम नाम का सुमिरन करलो,
दो दिन की है जिंदगानी।।
घर छोड़ो अब तीरथ जाओ,
बद्री द्वारिका रामेश्वर,
जगन्नाथ जी का दर्शन करलो,
वहीँ मिलेंगे परमेश्वर,
घर की चाबी बहु को दे दो,
अब तो छोड़ो नादानी,
कृष्ण नाम का सुमिरन करलो,
बन जाएगी जिंदगानी।।
सासु जी से हंस के बोली,
एक दिन घर में बहुरानी,
कृष्ण नाम का सुमिरन करलो,
दो दिन की है जिंदगानी।।
गायक – पवनदेव जी महाराज।
प्रेषक – हरीश शर्मा।
7723016897