सरहद तुझे प्रणाम,
सरहद तुझें प्रणाम।।
देश की रक्षा धर्म हमारा,
देश की सेवा कर्म हमारा,
गूंज उठेगा जल थल अंबर,
जग में गौरव गान,
सरहद तुझें प्रणाम।।
सीमाएँ हम रखे सुरक्षित,
देश रहेगा सदा अखंडित,
इसी के हित मे जिये मरेंगे,
चलके सीना तान,
सरहद तुझें प्रणाम।।
जन जन मे सद भाव जगाये,
भेद भाव सब दूर भगाए,
एक देश है एक संस्कृति,
समरस अमृत पान,
सरहद तुझें प्रणाम।।
धर्म शिखर पर ले जायेंगे,
देश का वैभव प्रगटायेगे,
विश्व गुरू बनकर उमडेंगे,
पायेगे सम्मान,
सरहद तुझें प्रणाम।।
सरहद तुझे प्रणाम,
सरहद तुझें प्रणाम।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818