सपनो में जो आया है,
मुझे दर्श दिखाया है,
नैनो के रास्ते जो,
मेरे दिल में समाया है,
वो सुंदर नजारा,
है जब से निहारा,
वो रात सुहानी,
वो बाबोसा प्यारा,
वो साथ तुम्हारा,
लागे बडा प्यारा,
जन्मों का रिश्ता,
है तुम्हारा हमारा।।
तर्ज – तेरे संग यारा खुश रंग बहारा।
कल रात की सुनो बात है,
मेरी बाबोसा से हुई मुलाकात है,
मेरे सपनों में बाबोसा भगवान थे,
जब खड़े थे वो मेरे पास में,
मैं खो गया था अहसास में,
मेरे ख्वाबों में पूरे होने लगे,
अरमान थे,
फिर बैठ सिरहाने पर,
गोदी में सुलाया है,
कोमल से हाथों को,
मेरे सिर पे फिराया है,
वो सुंदर नजारा,
है जब से निहारा,
वो रात सुहानी,
वो बाबोसा प्यारा,
वो साथ तुम्हारा,
लागे बडा प्यारा,
जन्मों का रिश्ता,
है तुम्हारा हमारा।।
जिस पल के लिये बेचेंन था,
जिसका मुझे इंतजार था,
वो आज मिला है मुझको,
मेरे ख्वाव में,
मेरे दर्श के प्यासे ये नैन थे,
उन्हें मिलने को वो बेचन थे,
मैं छवि निहार के गिर गया,
उनके पाँव में,
मेरे दिल मे ‘दिलबर’ तुम,
रहना उम्र भर,
सुनीता के संग भक्तो,
बोलो सब मिलकर,
वो सुंदर नजारा,
है जब से निहारा,
वो रात सुहानी,
वो बाबोसा प्यारा,
वो साथ तुम्हारा,
लागे बडा प्यारा,
जन्मों का रिश्ता,
है तुम्हारा हमारा।।
सपनो में जो आया है,
मुझे दर्श दिखाया है,
नैनो के रास्ते जो,
मेरे दिल में समाया है,
वो सुंदर नजारा,
है जब से निहारा,
वो रात सुहानी,
वो बाबोसा प्यारा,
वो साथ तुम्हारा,
लागे बडा प्यारा,
जन्मों का रिश्ता,
है तुम्हारा हमारा।।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
9907023365