सांवरे तेरे दर पे,
आता हूँ मैं आता रहूं,
तेरे श्री चरणों में मैं अपना,
शीश नवाता रहूं,
साँवरे तेरे दर पे।।
तर्ज – आदमी मुसाफिर है।
यूँ तो है दुनिया में लाखों दाता,
लेकिन मुझे तो दर तेरा भाता,
बस तेरे दर श्याम आता रहूं मैं,
साँवरे तेरे दर पे,
आता हूँ मैं आता रहूं,
तेरे श्री चरणों में मैं अपना,
शीश नवाता रहूं,
साँवरे तेरे दर पे।।
मैंने तुम्हे ही श्याम दिल में बसाया,
तूने ही मेरे श्याम मुझको सजाया,
बस तुझको भी सजाता रहूं मैं,
साँवरे तेरे दर पे,
आता हूँ मैं आता रहूं,
तेरे श्री चरणों में मैं अपना,
शीश नवाता रहूं,
साँवरे तेरे दर पे।।
मुझको भरोसा है श्याम तुझ पर,
तेरा ही सहारा रहता है मुझ पर,
बस तेरी हाजरी बजाता रहूं मैं,
साँवरे तेरे दर पे,
आता हूँ मैं आता रहूं,
तेरे श्री चरणों में मैं अपना,
शीश नवाता रहूं,
साँवरे तेरे दर पे।।
अब तक निभाया श्याम आगे भी निभाना,
दूजा नहीं है कोई ‘संजय’ का ठिकाना,
बस तेरे गुण श्याम गाता रहूं मैं,
Bhajan Diary Lyrics,
साँवरे तेरे दर पे,
आता हूँ मैं आता रहूं,
तेरे श्री चरणों में मैं अपना,
शीश नवाता रहूं,
साँवरे तेरे दर पे।।
सांवरे तेरे दर पे,
आता हूँ मैं आता रहूं,
तेरे श्री चरणों में मैं अपना,
शीश नवाता रहूं,
साँवरे तेरे दर पे।।
Singer – Prakash Odeka