सांवरे की महफिल लगे खाटू में,
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो,
हारे का साथी मेरा साँवरा है,
हारे का साथी मेरा साँवरा है,
फरियाद अपनी लगा के तो देखो
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो।।
तर्ज – सांवरे को दिल में बसाकर तो।
सांवरे को जिसने अपना बनाया,
अपनों से ज्यादा साथ श्याम ने निभाया,
महफिल में इसकी सबकी जगह है,
सांवरे की महफिल में आकर तो देखो,
सांवरे की महफिल लगे खाटू में,
साँवरे की महफिल लगे खाटू में,
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो।।
जिसका कोई नहीं है इस जहां में,
मेरा सांवरा है उस का सारे जहां में,
महफिल में इसकी सब कुछ मिलेगा,
सांवरे को दिल की बता कर तो देखो,
साँवरे की महफिल लगे खाटू में,
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो।।
मेरे सांवरे का दरबार निराला,
दर्द जो भी आए ‘किशोरी’ किस्मत वाला,
‘राही’ भी तेरा श्याम दीवाना,
हम पर भी प्यार लुटा कर तो देखो,
साँवरे की महफिल लगे खाटू में,
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो।।
सांवरे की महफिल लगे खाटू में
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो,
हारे का साथी मेरा साँवरा है,
हारे का साथी मेरा साँवरा है,
फरियाद अपनी लगा के तो देखो
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो।।
स्वर – किशोरी कनिष्का।