ज़िन्दगी सँवार देता है,
पर साँवरा इम्तिहान लेता है,
मेरा सांवरा इम्तिहान लेता है।।
तर्ज – ज़िन्दगी इम्तिहान लेती है।
मुश्किल समय में,
हमको परखता,
विश्वास कितना,
ये सब समझता,
‘प्रेमी को जान’-३,लेता है,
मेरा सांवरा इम्तिहान लेता है।।
दुख की तपिश जब,
तुझको जलाए,
सुख की ये छय्या,
बन कर के आए,
‘खुशी की बहार’-३,देता है,
मेरा सांवरा इम्तिहान लेता है।।
वीरानों में,
जब तू चलेगा,
कहता ‘कमल’ ये,
साथ मिलेगा,
‘सुन ये पुकार’-३,लेता है,
मेरा सांवरा इम्तिहान लेता है।।
ज़िन्दगी सँवार देता है,
पर साँवरा इम्तिहान लेता है,
मेरा सांवरा इम्तिहान लेता है।।
गायक – मुकेश बागड़ा जी।
रचियता – राघव गुप्ता(कमल)
प्रेषक – अनमोल गुप्ता
8800806260