संतो में एक संत हुए है काशीपुर महाराज भजन लिरिक्स

संतो में एक संत हुए है,
काशीपुर महाराज,
जिनकी गूलर बडी है धाम,
जिनकी गूलर बडी है धाम।।

तर्ज – देख तेरे संसार की हालत।



मींगसर सुधी दशमी का जाया,

जांगीङ कूल मे जन्म थे पाया,
पिथाराम जी के घर आया,
मात पिता मन मे हर्षाया,
ढिंगसरी मे जन्म हुआ है,
चन्द्राराम जी नाम,
जिनकी गूलर बडी है धाम।।



केर के नीचे आशण जमाया,

बारह वर्ष तक मौन लगाया,
शिव शंकर की भक्ति पाया,
आशीष लेकर कुटिया बनाया,
गूलर गंगा प्रकटभयी जब,
खुशीहुए घनशयाम,
जिनकी गूलर बडी है धाम।।



जीव जन्तु को ह्रदय लगाया,

वन जंगल स्वर्ग बनाया,
राम नाम का जाप बढाया,
महादेव के मन यह भाया,
श्री बापजी भजन करता,
रटते सीताराम,
जिनकी गूलर बडी है धाम।।



शेष महेश गणेश बैठाया,

लक्ष्मी का बेङा पार ना पाया,
रामपूरी को शिष्य बनाया,
सेवा करना धर्म बताया,
भादवा सूदी बारस का मेला,
संतसीधारे धाम,
जिनकी गूलर बडी है धाम।।



एक भक्त मन शंका लाया,

सिंह रुप उनको दर्शाया,
जगदीश तेरा ध्यान लगाया,
गुरु चरणों मे शिष्य नवाया,
नगर बोङवा अर्ज करत है,
मंगल कर जयो काम,
जिनकी गूलर बडी है धाम।।



संतो में एक संत हुए है,

काशीपुर महाराज,
जिनकी गूलर बडी है धाम,
जिनकी गूलर बडी है धाम।।

Upload By – Rameshwar jangid
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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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