सांची सांची बात कह गया म्हारा गुरुदेव जी

सांची सांची बात कह गया,
म्हारा गुरुदेव जी,
ले गया ले गया वो कुण,
धन माया साथ जी।।



झुठे जग में मुर्ख मनवा,

गणो लगायो हेजको,
कोडी कोडी माया जोड़ी,
चमकायो महला को,
लिदा लिदा वो मजा,
ढ़ोलिया पे पौड जी।।



अर्थी आगे फुलड़ा फेंके,

रुपया वाली रेजकी,
सगा संबंधी सारा रोवे,
छाती माथा कुटे जी,
लारे लारे वो जले,
अग्नि माहीं कुणजी।।



हाथ हिडो करे नहीं,

बुढ़ापा के मायने,
मरिया पछे लाड़ु करा,
बारा दिना मायने,
बातां बणे रे देखो,
परिवार माय जी।।



हरियो हरियो सुझे देखो,

जवानी के मायने,
उल्टा सिधा काम करे,
रहे बड़ी मौज में,
सोचे सोचे ना पछे,
आबा वाला टेम की।।



कहे तुलसीराम ‘रतन’ को,

राम भजिया सुख पावे,
भूरालाल जी सत्संग माहीं,
सबका साथ निभावे,
साथे करम चाले,
पाप पुण्य साथ जी।।



सांची सांची बात कह गया,

म्हारा गुरुदेव जी,
ले गया ले गया वो कुण,
धन माया साथ जी।।

गायक – रतनलाल प्रजापति।
निर्देशक – तुलसीसिंह रावत व भूरालालजी पुर्बिया।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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