सखी री बरसाने में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है,
गुणो की बात ना पूछो,
अवगुणो पे रीझ जाती है,
सखी री बरसानें में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है।।
ना जाने क्या भरा जादू,
है इनके नैन कमलों में,
निहारे कोर करुणा की,
झोलियाँ भर भर जाती हैं,
सखी री बरसानें में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है।।
विराजे ऊँची अटारी पर,
खोल करुणा की पिटारी को,
जिन्हें दुनिया ठुकराती है,
ये सीने से लगाती है,
सखी री बरसानें में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है।।
On Bhajan Diary
दया की सिंधु है श्यामा,
कृपा की खान है प्यारी,
जिनके ऊपर ये बरसे,
उन्हें बरसाना बुलाती है,
सखी री बरसानें में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है।।
कहाँ मेरी लाड़ली श्यामा,
कहाँ औक़ात है मेरी,
कभी ये दोष ना देखे,
तभी तो भक्तों को भाती है,
सखी री बरसानें में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है।।
सखी री बरसाने में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है,
गुणो की बात ना पूछो,
अवगुणो पे रीझ जाती है,
सखी री बरसानें में आज,
लाड़ली प्यार लुटाती है।।
गायक – श्री रविनंदन शास्त्री जी।
लाजवाब निश्व्द हूं???