सजाओ देश को अपने,
चलो मंदिर बनाएंगे,
चलो मंदिर बनाएंगे,
प्रभू श्री राम आएंगे,
जलाओ दीप खुशियों के,
चलो मंदिर बनाएंगे।।
मिले सहयोग हर घर से,
नहीं घर कोई रह पाए,
प्रभू के काम आएं तो,
सफल जीवन ये हो जाए,
कसम खाई थी जो एक दिन,
उसे अब हम निभाएंगे,
सजाओं देश को अपने,
चलो मंदिर बनाएंगे।।
प्रभू के काम भालू और,
कभी बानर भी आए थे,
वो छोटी सी गिलहरी ने,
रेत के कण उठाए थे,
मिला है आज यह मौका,
नहीं इसको गंवाएंगे,
सजाओं देश को अपने,
चलो मंदिर बनाएंगे।।
बहुत बड़भागी है हम-सब,
जो अवसर आज पाया है,
प्रभू के काम में देखो,
हमारा नाम आया है,
करें ‘शिवगावा जी’ अर्जी,
नहीं दिन फिर ये आएंगे,
सजाओं देश को अपने,
चलो मंदिर बनाएंगे।।
सजाओ देश को अपने,
चलो मंदिर बनाएंगे,
चलो मंदिर बनाएंगे,
प्रभू श्री राम आएंगे,
जलाओ दीप खुशियों के,
चलो मंदिर बनाएंगे।।
गायक – सुरिन्दर गाबा जी।
लेखक / प्रेषक – शिवनारायण वर्मा।
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