सजा दो फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे,
जन्मदिन आज है उनका,
ख़ुशी से हम मनाएँगे,
सजा दों फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे।।
बिछा के अपनी पलके,
राह उनकी देखते है हम,
के राहे देखते है हम,
मची है धूम घर घर में,
मची है धूम घर घर में,
मेरे नन्दलाल आएँगे,
सजा दों फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे।।
सजा है सोने का पलना,
लगी है चांदी की डोरी,
लगी है चांदी की डोरी,
बैठ कर झूलने झुला,
बैठ कर झूलने झुला,
मेरे नन्दलाल आएँगे,
सजा दों फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे।।
भरा माखन है मटकी में,
रखी है चांदी की चम्मच,
रखी है चांदी की चम्मच,
लगाने भोग मिश्री का,
लगाने भोग मिश्री का,
मेरे घनश्याम आएँगे,
सजा दों फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे।।
जो जन्मे जेल में वो ही,
छुडाते जन्मों के बंधन,
छुडाते जन्मों के बंधन,
‘रवि कैलाश’ की सुनने,
‘रवि कैलाश’ की सुनने,
मेरे घनश्याम आएँगे,
सजा दों फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे।।
सजा दो फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे,
जन्मदिन आज है उनका,
ख़ुशी से हम मनाएँगे,
सजा दों फुल राहो में,
मेरे गोपाल आएँगे।।
Singer – Ravi Raj