सज धज कर बैठा है देखो सबका पालनहार है भजन लिरिक्स

सज धज कर बैठा है देखो,
सबका पालनहार है,
ईसके मनमोहक से रूप का,
दिल पर चढ़ा खुमार है,
देख के तुझको दिल सांवरे,
बोले यही हर बार है,
वाह क्या श्रृंगार है वाह क्या श्रृंगार है।।



मुखड़े पर सूरज की दमक से,

किरणें मन में उतर गई,
आंखों में चंदा सी चमक से,
मन में चांदनी बिखर गई,
सर पे मुकुट यह दर्शाता है,
तेरी ही सरकार है,
वाह क्या श्रृंगार है वाह क्या श्रृंगार है।।



ग्यारस पर ज्योति जलती,

कीर्तन तेरा होता है,
खीर चूरमा भोग है लगता,
खूब नजारा होता है,
भूल जाते हैं गम जीवन के,
ऐसा ये दरबार है,
वाह क्या श्रृंगार है वाह क्या श्रृंगार है।।



भेजें फूल है कुदरत ने,

बाबा तुझे सजाने को,
उन्हीं फूल ने इत्र दिया है,
श्याम तुझे महकाने को,
‘मंत्री’ और ‘जयंत’ पर तेरा,
हर पल ही उपकार है,
वाह क्या श्रृंगार है वाह क्या श्रृंगार है।।



सज धज कर बैठा है देखो,

सबका पालनहार है,
ईसके मनमोहक से रूप का,
दिल पर चढ़ा खुमार है,
देख के तुझको दिल सांवरे,
बोले यही हर बार है,
वाह क्या श्रृंगार है वाह क्या श्रृंगार है।।

गायक – द्वारका मंत्री।
देवास मध्य प्रदेश 94250 47895
लेखक – जयन्त सांखला।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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