सज गया मेरा साँवरा,
राधे की हवेली में,
राधे की हवेली में,
सज गया मेरा साँवरा,
राधे की हवेली में।।
तर्ज – साँवली सूरत पे तेरी।
राधे श्याम की सुन्दर जोड़ी,
अद्भुत किया श्रृंगार है,
देख छवि दिल रोके रुके ना,
राधे की हवेली में,
सज गया मेरा सांवरा,
राधे की हवेली में।।
हर ग्यारस को सजती महफ़िल,
साँवरे के नाम की,
बरसे मस्ती साँवरे की,
राधे की हवेली में,
सज गया मेरा सांवरा,
राधे की हवेली में।।
प्रेमी आते दूर दूर से,
भाव अपने सुनाने को,
राधा संग मेरे श्याम सुनते,
राधे की हवेली में,
सज गया मेरा सांवरा,
राधे की हवेली में।।
भाव भजन हो बड़े चाव से,
साँवली सरकार के,
नाचे गाए श्याम रिझाए,
राधे की हवेली में,
सज गया मेरा सांवरा,
राधे की हवेली में।।
रोशन होती सारी हवेली,
खाटु के निज धाम में,
जमके बरसे रंग श्याम का,
राधे की हवेली में,
सज गया मेरा सांवरा,
राधे की हवेली में।।
सज गया मेरा साँवरा,
राधे की हवेली में,
राधे की हवेली में,
सज गया मेरा साँवरा,
राधे की हवेली में।।