साई उदी ये भक्तो,
क्या कमाल कर गई,
जिसने लगाई उसको,
मालामाल कर गई।।
जीवन में जिसके दुःख है,
बीमारी है सताए,
माथे पे अपने साईं उदी,
भक्त लगाए,
रहे दुःख ना बीमारी,
उसे खुशहाल कर गई,
जिसने लगाई उसको,
मालामाल कर गई।।
बन जाए बिगड़े काम,
सभी साईं उदी से,
खुशियाँ मिले तमाम,
भक्तो साईं उदी से,
भक्तो को साईं उदी,
ये निहाल कर गई,
जिसने लगाई उसको,
मालामाल कर गई।।
जन्मों जनम के पाप,
साईं उदी काटती,
कर्मो का अच्छा फल,
ये साईं उदी बांटती,
खुशियों में रहे भक्त,
ऐसा हाल कर गई,
जिसने लगाई उसको,
मालामाल कर गई।।
धुनी रमाये साईं उसकी,
राख है उदी,
साईं के चरण कमल का,
प्रसाद है उदी,
माथे से जो लगाये,
भव से पार कर गई,
जिसने लगाई उसको,
मालामाल कर गई।।
साई उदी ये भक्तो,
क्या कमाल कर गई,
जिसने लगाई उसको,
मालामाल कर गई।।
Singer – Rakesh Kala