सदा गुण श्याम के गाऊँ,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है,
तुम्हे ना छोड़ कर जाऊं,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।।
तर्ज – बहारों फूल बरसाओ।
सुना है बेसहारों का,
सहारा तू ही होता है,
नहीं है दीन फिर कोई,
शरण तेरी जो होता है,
तेरा चाकर मैं बन जाऊं,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।
सदा गुण श्याम के गाउँ,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।।
मुझे तुमने दिया इतना,
नहीं कुछ माँगना चाहूँ,
तेरा हो नाम इस मुख पर,
दया इतनी ही मैं चाहूँ,
सदा दर्शन तेरा पाऊं,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।
सदा गुण श्याम के गाउँ,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।।
ये खाटू धाम है प्यारा,
जहाँ पर श्याम रहता है,
है प्यासा प्यार का बाबा,
सदा जो साथ रहता है,
तुम्हारे दिल में बस जाऊं,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।
सदा गुण श्याम के गाउँ,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।।
मेरा तू है तेरा मैं हूँ,
मुझे बस याद है इतना,
जो तुमसे प्यार पाया है,
नहीं मालूम है कितना,
मैं ये संसार बिसराऊँ,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।
सदा गुण श्याम के गाउँ,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।।
सदा गुण श्याम के गाऊँ,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है,
तुम्हे ना छोड़ कर जाऊं,
यही दिल की तमन्ना है,
यही दिल की तमन्ना है।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।