सच्चे ह्रदय से श्याम का,
सुमिरन किया करो,
जी भर के श्याम नाम का,
प्याला पिया करो,
सच्चें ह्रदय सें श्याम का,
सुमिरन किया करो।।
तर्ज – मिलती है जिंदगी में।
जीवन का भार सौंप दे,
हाथो में श्याम के,
गोदी के लाल की तरह,
रखेंगे थाम के,
कैसे लड़ाए लाड वो,
अनुभव किया करो,
जी भर के श्याम नाम का,
प्याला पिया करो,
सच्चें ह्रदय सें श्याम का,
सुमिरन किया करो।।
जिसको भरोसा श्याम का,
उसको फिकर नहीं,
रहता साथ सांवरा,
कोई भी डर नहीं,
घुट घुट के मर रहे हो क्यों,
हंसकर जिया करो,
जी भर के श्याम नाम का,
प्याला पिया करो,
सच्चें ह्रदय सें श्याम का,
सुमिरन किया करो।।
इसकी दया से चल रही,
तेरी ये जिंदगी,
करता नहीं क्यों बावरे,
उसकी तू बंदगी,
थोड़ा सा वक्त श्याम को,
अर्पण किया करो,
जी भर के श्याम नाम का,
प्याला पिया करो,
सच्चें ह्रदय सें श्याम का,
सुमिरन किया करो।।
जय जय करे जो श्याम की,
उसकी विजय सदा,
उसका सितारा भाग्य का,
रहता उदय सदा,
‘बिन्नू’ मगन हो श्याम की,
जय जय किया करो,
जी भर के श्याम नाम का,
प्याला पिया करो,
सच्चें ह्रदय सें श्याम का,
सुमिरन किया करो।।
सच्चे ह्रदय से श्याम का,
सुमिरन किया करो,
जी भर के श्याम नाम का,
प्याला पिया करो,
सच्चें ह्रदय सें श्याम का,
सुमिरन किया करो।।
स्वर – गौरी अग्रवाल