सबसे पहले तुम्हे मनाऊँ गौरी सूत महाराज भजन लिरिक्स

सबसे पहले तुम्हे मनाऊँ,

दोहा – प्रथमे गौरा जी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,
त्रितिये सीमरु शारदा,
मेरे कण्ठ करो प्रवेश।



सबसे पहले तुम्हे मनाऊँ,

गौरी सूत महाराज,
तुम हो देवों के सरताज,
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
तुम हो देवों के सरताज।।

तर्ज – देख तेरे संसार की हालत।



गंगाजल स्नान कराऊँ,

केसर चंदन तिलक लगाऊं,
रंग बिरंगे फुल मे लाऊँ,
सजा सजा तुमको पह्राऊ,
लम्बोदर गज्वद्न विनायक,
राखो मेरी लाज,
तुम हो देवों के सरताज।।



जो गणपति को प्रथम मनाता,

उसका सारा दुख मीट जाता,
रीद्धी सिध्दि सुख सम्पति पाता,
भव से बेड़ा पार हो जाता,
मेरी नैया पार करो,
मैं तेरा लगाऊं ध्यान,
तुम हो देवों के सरताज।।



पार्वती के पुत्र हो प्यारे,

सारे जग के तुम रखवाले,
भोलेनाथ है पिता तुम्हारे,
सूर्य चन्द्रमा मस्तक धारें,
मेरे सारे दुख मीट जाये,
देवों यही वरदान,
तुम हो देवों के सरताज।।



सबसे पहले तुम्हे मनाऊ,

गौरी सूत महाराज,
तुम हो देवों के सरताज,
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
तुम हो देवों के सरताज।।

गायक – मनीष तिवारी जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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