सब तीरथ कर आई तुम्बडिया भजन लिरिक्स

सब तीरथ कर आई तुम्बडिया,
गंगा नाई गोमती नाई,
अडसठ तीरथ धाई,
नित नित उठ मंदिर में आई,
तो भी ना गई कडवाई, तुम्बडिया,
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।



सतगुरु संत के नज़र चढ़ी जब,

अपने पास मंगाई,
काट कुट कर साफ़ बनाई,
अंदर राख मिलाई, तुम्बडिया,
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।



राख मिलाकर पाक बनाई,

तबतो गई कडवाई,
अमृत जल भर लाई तुंबडीया,
संतन के मन भाई, तुम्बडिया,
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।



ये बाता सब सत्य सुनाई,

झूठ नहीँ रे मेरे भाई,
‘दास सतार’ तुंबडीया फिर तो,
करती फ़िरे ठकुराई, तुम्बडिया,
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।



सब तीरथ कर आई तुम्बडिया,

गंगा नाई गोमती नाई,
अडसठ तीरथ धाई,
नित नित उठ मंदिर में आई,
तो भी ना गई कडवाई, तुम्बडिया,
सब तीरथ कर आई तुम्बडिया।।

Sent By – Parvin Pilowani
8056787300


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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