सब रस रंग भरे है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
दोहा सोरठा और चौपाई,
दोहा सोरठा और चौपाई,
रुचि रुचि छंद भरे है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
बाल कांड में राम जन्म है,
बाल कांड में बाल चरित है,
सिया संग ब्याह भयो है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
अवध कांड में संकट छायो,
अवध कांड में तड़का वध है,
प्रभु वनवास गए है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
अरण्य कांड में भरत मिलाप है,
अरण्य कांड में सिया हरण है,
भक्तन दरस दिये है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
किष्किंधा कांड में हनुमान मिलन हैं,
किष्किंधा कांड में बाली मरण हैं,
सुग्रीव मित्र भये है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
सुंदर कांड में है हनुमान लीला,
सुंदर कांड में लंका दहन है,
सीता जी खोज करि है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
लंका कांड में सत्य की जीत है,
लंका कांड में रावण मारो है,
विभीषण राजा बने है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
उत्तर कांड राम राजा बनें है,
उत्तरकांड रामराज आयो सुखदाई,
लव कुश जन्म भयो हैं,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
सब रस रंग भरे है,
रामायण जी में,
सब रस रंग भरे हैं।।
स्वर – श्री प्रभंजनानन्द शरण जी।।
प्रेषक – मोहन राजपूत।
9893960861